बिकानेर का इतिहास

बिकानेर, राजस्थान का एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी समृद्ध विरासत, किलों और राजपूत शौर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर थार मरुस्थल के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है। आइए संक्षिप्त में इसका इतिहास जानते हैं:

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🏰 बिकानेर का इतिहास:

1. स्थापना:
बिकानेर की स्थापना सन् 1488 ई. में राव बीका ने की थी, जो जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र थे। उन्होंने अपने नाम पर इस शहर का नाम “बीकानेर” रखा।

2. राव बीका का उद्देश्य:
राव बीका ने एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए जोधपुर से अलग होकर मारवाड़ के उत्तर-पश्चिम में बसा यह क्षेत्र चुना। उन्होंने स्थानीय जाट और राजपूत सरदारों को हराकर अपना प्रभाव स्थापित किया।

3. सुरक्षा और किलेबंदी:
राव बीका के वंशजों ने बिकानेर को एक मजबूत किलेबंद नगर में बदल दिया। जूनागढ़ किला, जो 1589-1593 के बीच राव राय सिंह द्वारा बनवाया गया, इस शहर की शान है।

4. मुग़ल काल में संबंध:
बिकानेर के राजाओं ने मुग़ल सम्राटों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे। राव राय सिंह को अकबर के दरबार में उच्च पद प्राप्त था। इसके बदले में उन्हें गंगा नगर और हरियाणा तक की जागीरें दी गईं।

5. ब्रिटिश काल में बिकानेर:
बिकानेर ने 1818 ई. में अंग्रेजों के साथ संधि कर ली और ब्रिटिश भारत का अधीनस्थ राज्य बन गया। महाराजा गंगा सिंह (1887-1943) के शासन में बिकानेर ने आधुनिकता की दिशा में कई कदम उठाए जैसे रेलवे, शिक्षा, अस्पताल आदि की स्थापना। For buy properties in bikaner and buy house for sale in bikaner

6. स्वतंत्रता के बाद:
भारत के स्वतंत्र होने पर बिकानेर ने 1949 में भारतीय संघ में विलय कर लिया और यह राजस्थान राज्य का हिस्सा बना।


🔱 बिकानेर का ऐतिहासिक महत्व:

  • बिकानेर सदियों तक एक सामरिक और व्यापारिक केंद्र रहा है।
  • यह रेशम मार्ग पर स्थित होने के कारण व्यापार का महत्वपूर्ण स्थान था।
  • यहां का ऊंट उत्सव, करणी माता मंदिर, और भुजिया किला प्रसिद्ध हैं।